Shodashi - An Overview
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
He was so powerful that he created the entire environment his slave. Sage Narada then asked for the Devas to perform a yajna and from your fireplace from the yajna appeared Goddess Shodashi.
पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि
Shodashi’s mantra assists devotees launch past grudges, soreness, and Shodashi negativity. By chanting this mantra, people today cultivate forgiveness and emotional release, marketing satisfaction and the opportunity to transfer ahead with grace and acceptance.
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥
The worship of Goddess Lalita is intricately related Together with the pursuit of the two worldly pleasures and spiritual emancipation.
The person who does this Sadhana becomes like Cupid (Shodashi Mahavidya). He's transformed right into a rich, well-liked among Females and blessed with son. He will get the caliber of hypnotism and achieves the self electrical power.